अब अपने शहर जयपुर में सबसे अनुभवी डॉक्टर से कराएं एनल फिशल का दर्द रहित लेजर सर्जरी द्वारा उपचार
एनल फिशर क्या है?
गुदा के अस्तर अथवा मल नली में कोई कट या दरार आ जाने को एनल फिशर कहते हैं। यह अक्सर क्रोनिक कब्ज, क्रोनिक डायरिया और कड़े एवं बड़े आकार का मलत्याग की वजह से होता है। इससे पीड़ित रोगी को मलत्याग के समय तेज दर्द एवं कुछ गंभीर मामलों में रक्तस्त्राव होता है। जब कट या दरार अधिक हो जाता है अथवा फिशर की अवधि 8 सप्ताह से अधिक हो जाती है तो उसे क्रोनिक एनल फिशर कहा जाता है।
क्रोनिक एनल फिशर का इलाज सिर्फ सर्जरी ही है। एनल फिशर को उपचार रहित छोड़ने पर अन्य जटिलताएं जन्म ले सकती हैं।
कारण:
- हार्ड स्टूल
- क्रोनिक कब्ज
- क्रोनिक डायरिया
- एनल सेक्स
- महिलाएं बच्चे को जन्म देते समय इस समस्या से पीड़ित हो सकती हैं।
लक्षण
- मल त्याग करते समय दर्द और जलन
- मल त्याग के बाद होने वाली जलन काफी देर तक बनी रहती है
- गुदा की त्वचा के आस-पास कोई छोटा कट या दरार
- लेट्रिन करते समय ब्लड निकलना
जोखिम
- गुदा से बदबू आना
- क्रोनिक फिशर
- एनल फिस्टुला
- एनल कैनाल का पतला होना
जयपुर में एनल फिशर का इलाज के लिए हम ही क्यों?
क्योंकि, एनल फिशर के उचित निदान और इलाज के लिए अनुभवी डॉक्टरों की जरूरत होती है। हमारे पास जयपुर में एनल फिशर के सबसे अधिक अनुभवी डॉक्टर हैं, जिन्हें कई वर्षों का अनुभव है।
अधिक अनुभव होने के कारण वे उचित निदान करते हैं। यदि फिशर क्रोनिक नहीं है तो अन्य उपचार विधि की सलाह दी जाती है। इनके अलावा निम्न सुविधाएं हमें जयपुर में एक बेहतर हेल्थ केयर प्रोवाइडर बनाती हैं-

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निदान
जयपुर में एनल फिशर की लेजर सर्जरी करने से पहले डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास को पूछेंगे और आपका फिजिकत टेस्ट करेंगे। गुदा के अस्तर पर उपस्थिति कट या दरार को देखने के लिए लेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा अगर डॉक्टर को इमेजिंग टेस्ट की आवश्यकता हुई तो वह भी करा सकते हैं। आमतौर पर इमेजिंग टेस्ट की जरूरत तब पड़ती है, जब फिशर क्रोनिक हो जाता है।
जयपुर में क्रोनिक एनल फिशर के दरार को अच्छी तरह से देखने के लिए एनोस्कोपी की जा सकती है। इसके अलावा कोलोनस्कोपी और फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी किया जा सकता है। इन दोनों जाँच प्रक्रियाओं में एक कैमरा लगे हुए ट्यूब को गुदा के भीतर डाला जाता है।
सर्जरी
जयपुर में एनल फिशर की सर्जरी के लिए उपलब्ध प्रक्रियाओं में लेजर सर्जरी सबसे अधिक सुरक्षित और दर्द रहित प्रक्रिया है। एनल फिशर की लेजर सर्जरी में डॉक्टर लेजर बीम का उपयोग करते है। सबसे पहले लेजर की फ्रीक्वेंसी को जरूरत के अनुसार सेट किया जाता है, फिर लेजर किरणों के माध्यम से फिशर को आंतरिक रूप से नष्ट कर दिया जाता है। सर्जरी 25 से 30 मिनट के भीतर पूरी हो जाती है।जयपुरcity में एनल फिशर की सर्जरी के लिए उपलब्ध प्रक्रियाओं में लेजर सर्जरी सबसे अधिक सुरक्षित और दर्द रहित प्रक्रिया है। एनल फिशर की लेजर सर्जरी में डॉक्टर लेजर बीम का उपयोग करते है। सबसे पहले लेजर की फ्रीक्वेंसी को जरूरत के अनुसार सेट किया जाता है, फिर लेजर किरणों के माध्यम से फिशर को आंतरिक रूप से नष्ट कर दिया जाता है। सर्जरी 25 से 30 मिनट के भीतर पूरी हो जाती है।
अधिकतर पूछे गए प्रश्न
जयपुर में एनल फिशर का उपचार करने के लिए हमारे डॉक्टर एडवांस लेजर उपकरण का उपयोग करते हैं। लेजर सर्जरी से उपचार कराने पर फिशर के दोबारा होने की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन यदि उपचार के बाद डॉक्टर द्वारा वर्जित/ प्रेरित कार्यों पर अमल न करने पर रिकवरी में जटिलता उत्पन्न होने के कारण रोगी को फिशर का दोबारा से सामना करना पड़ सकता है, इसलिए यदि आप फिशर का स्थायी उपचार चाहते हैं तो इलाज के बाद डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी बातों का अनुसरण जरूर करें।
एनल फिशर की लेजर सर्जरी में लेजर किरणों का उपयोग होता है, जिसमे सर्जरी वाली जगह पर या उसके आस-पास किसी भी तरह का निशान नहीं बनता है। एक निश्चित फ्रीक्वेंसी तय होने के कारण लेजर उपचार में त्वचा को कोई भी नुकसान नहीं होता है। लेजर सर्जरी बिल्कुल सुरक्षित होती है, इसके बाद कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिलता है। जबकि, ओपन सर्जरी में फिशर को ठीक करने के लिए गुदा क्षेत्र में कट लगाए जाते हैं, इसलिए रिकवरी के बाद उसे क्षेत्र पर दाग रह जाते हैं।
जयपुर में एनल फिशर की लेजर सर्जरी के बाद एक सुरक्षित रिकवरी के लिए और मलत्याग के दौरान कोई भी समस्या न हो इसलिए डॉक्टर रोगी को उचित डाइट चार्ट बताएंगे। इसमें हल्के आहार का सेवन करना और खूब पानी पीना शामिल होगा। इसके अलावा कुछ ख़ास किस्म के आसान योग भी बताए जाएंगे, जिससे मल को मुलायम करने में मदद मिलेगी। डॉक्टर द्वारा बताए गए डाइट का अनुसरण करके और खान-पान में कब्ज पैदा करने वाले आहारों को शामिल न करके मल को मुलायम बनाया जा सकता है, जिससे मलत्याग करने में रोगी को कोई भी असहजता नहीं होगी।
एनल फिशर को हिंदी में गुदा विदर कहते हैं, इसका अर्थ गुदा में दरार हो जाना है।
गुदा विदर के कारण गुदा क्षेत्र में पीड़ा और दर्द भरी परिस्थिति से उबरने के लिए सर्जरी का चयन करना चाहिए। यदि आप एनल फिशर के दर्द और जलन से अस्थाई आराम पाना चाहते हैं तो कुछ क्रीम और घरेलू नुस्खे आपकी मदद कर सकते हैं। आप एलोवेरा जेल को बतौर क्रीम इस्तेमाल कर सकते हैं।
दोनों ही बीमारियां एक दूजे से बिल्कुल जुदा हैं। एनल फिशर गुदा मार्ग के अस्तर पर होने वाला एक दरार है, जबकि एनल फिस्टुला गुदा क्षेत्र में टनल का निर्माण है।
एनल फिशर क्यों होता है?
- मल त्याग के दौरान अधिक प्रेशर लगाने से पेरेनियल स्किन पर क्रैक आ जाता है
- जब आप कोई अपच का कारण बनने वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं तो इससे मल कठोर हो जाता है और कब्ज की शिकायत हो जाती है, इसलिए जब आप मल त्याग करते हैं तो कठोर मल के कारण जोर लगाने से गुदा के अस्तर पर एक कट आ जाता है, जिसे एनल फिशर का नाम दे दिया जाता है।
- कई लोग गुदा सेक्स करने के आदि होते हैं, गुदा सेक्स के दौरान लिंग के चोट के कारण भी गुदा नली के अंत में कट आ सकता है।
- गुदा में कोई चोट लगना
जयपुर में कराएं एनल फिशर की दर्दरहित एवं एडवांस लेजर सर्जरी
फिशर की सर्जरी के लिए कई पुरानी तकनीक मौजूद है, लेकिन उन प्राचीन तकनीक की तुलना में लेजर तकनीक एक कम दर्दनाक प्रक्रिया है। लेजर सर्जरी में अन्य सर्जरी के मुकाबले कम समय लगता है और सर्जरी के बाद रिकवरी में ज्यादा समय नहीं लगता है। हम फिशर का इलाज के लिए सबसे नई और उत्तम तकनीक का उपयोग करता है, जिससे सर्जरी कट और दर्द के बिना सरलता से हो जाती है।
बेहतर इलाज के लिए अच्छे डॉक्टर का चयन करना बहुत आवश्यक है, हमारे पास फिशर की सर्जरी के लिए अनुभवी डॉक्टर उपलब्ध हैं जिनके पास कई वर्षो का अनुभव है। फिर देरी क्यों? आज ही फोन करें या अपॉइंटमेंट बुक करें।