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केला से करें बवासीर का सफल इलाज

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बवासीर एक गंभीर गुदा व्याधि है। इससे पीड़ित मरीज की गुदा क्षेत्र की नसों में सूजन आ जाता है। यह प्रायः कब्ज और मलत्याग के समय प्रेशर लगाने के कारण होता है।

बवासीर के प्रकार:

  1. आंतरिक बवासीर
  2. बाहरी बवासीर
  3. प्रोलैप्सड बवासीर
  4. थ्रोम्बोस्ड बवासीर

बवासीर के ग्रेड:

  1. ग्रेड 1 – मल त्याग के समय मस्से बाहर आते हैं
  2. ग्रेड 2 – मल त्याग के समय मस्से बाहर आते हैं और मल त्याग के बाद ये स्वयं ही अंदर चले जाते हैं
  3. ग्रेड 3 – मस्से ऊँगली से दबाने पर अंदर जाते हैं
  4. ग्रेड 4 – मस्से हमेशा बाहर लटके रहते हैं

केला का प्रत्येक हिस्सा औषधि गुण से सजा हुआ है। सेहत बनाने के लिए राजा कहलाने वाला फल से अब बवासीर जैसी गंभीर समस्या का भी इलाज किया जा सकता है।

प्राचीन समय से ही केला को शरीर के अलग-अलग अंग के लिए अलग-अलग तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है। केला बवासीर के उच्च ग्रेड को तो नहीं, लेकिन नीचे के ग्रेड को आसानी से ख़तम कर सकता है। यह बात हम खुद से नहीं बना रहे हैं, बल्कि केला के विभिन्न हिस्से में मौजूद विभिन्न गुणवत्ता इस बात का साक्ष हैं।

बवासीर का उपचार के लिए केला के कौन-कौन से हिस्से उपयोग में लाए जाते हैं? – Kela se bawaseer ka ilaj

आपको जानकार हैरानी होगी, लेकिन सिर्फ केला का फल ही नहीं, बल्कि केला के पेड़ के विभिन्न हिस्से बवासीर को ख़तम करने में विभिन्न प्रकार से काम करते हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर केला के कौन-कौन से अंग बवासीर का इलाज करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं।

केला का तना

केला के तना से निकलने वाला रस एंटी-इंफ्लेमेटरी और त्वचा को सिकोड़ने गुणों से लबालब होता है। यह ग्रेड 1 के सामान्य या शुरूआती बवासीर को सिकोड़ने के लिए एक अच्छा घरेलू उपचार है। इसे लगाने से मस्सों के कारण होने वाली खुजली आदि से राहत मिल जाती है। कुछ दिनों के नियमित इस्तेमाल से मस्से धीरे-धीरे सूख जाते हैं और पाइल्स खत्म हो जाता है।

केले के तने में मौजूद इसी गुड़ के कारण इसे कीड़े काटने पर होने वाले जलन और सूजन को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

केला का जड़ और बीज

प्राचीन काल में वैद्य कब्ज दूर करने के लिए केला के जड़ एवं बीज से छोटी-छोटी गोलियों का निर्माण करते थे और रोगी को देते थे। आयुर्वेद में इसे कब्ज का रामबाण कहा जाता है।

केला का जड़ और बीज से निर्मित दवा बवासीर का इलाज करने में अप्रत्यक्ष रूप से काम करता है।

कब्ज पर लगाम लगाकर बवासीर को बढ़ने से रोकने के लिए आप इससे निर्मित गोलियों का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं। आपको यह दवा किसी वैद्य अथवा पंसेरी के यहाँ से मिल जाएगी।

पढ़ें- बवासीर में क्या खाएं और क्या नहीं खाएं

केला के छिलके का पेस्ट

बवासीर का उपचार करने के लिए विच हेजल सलूशन को लगभग हर कोई उपयोग करता है। इसे केला के छिलके से बने पेस्ट के साथ मिलाकर मस्सों को सिकोड़ने में मदद मिलती है।

कैसे उपयोग करें:

  • केला के छिलके को पीसकर पेस्ट तैयार करें।
  • अब इस पेस्ट में एक चम्मच विच हेजल डालकर उसे अच्छी तरह से मिक्स करें।
  • इस तैयार हो चुके पेस्ट को दिन में तीन बार अपने मस्सों पर लगाएं।

केला का फल

केला का फल लैक्सेटिव की तरह काम करता है। यह पुराने से पुराने कब्ज को खत्म करने की ताकत रखता है। बवासीर के समय इसका सेवन करने से कब्ज नहीं होता हैं और बवासीर नियंत्रित रहता है।

केला से बवासीर का उपचार करने के लिए ऊपर बताए गए सभी नुस्खे नियमित रूप से उपयोग में लाना चाहिए। यदि आपको ग्रेड 1 का या शुरुआती बवासीर है तो ये नुस्खे बहुत उपयोगी हो सकते हैं।

पढ़ें- बवासीर के ऑपरेशन में कितना खर्चा आता है

ग्रेड 1 से ऊपर के बवासीर का इलाज कैसे करें?

सिर्फ केला ही नहीं, कोई भी घरेलू नुस्खे बवासीर के ग्रेड 2, 3 और 4 का उपचार करने में विफल हो जाएगा। ग्रेड 1 से ऊपर की अवस्था के पाइल्स का इलाज करने के लिए डॉक्टर सिर्फ और सिर्फ सर्जरी की सलाह देते हैं।  हालांकि, कुछ ऐसे मामले भी होते हैं जिन्हें डॉक्टर इंजेक्शन और दवाइयों की मदद से ठीक कर सकते हैं।

यदि आप ग्रेड 2, 3 अथवा 4 की बवासीर से परेशान हैं तो आपको उचित निदान एवं सटीक इलाज के लिए एक अच्छे गुदा रोग विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। वे आपकी स्थिति को समझ कर उचित उपचार करेंगे। 

अच्छे डॉक्टर के पास जाएं

बवासीर का निदान और सही उपचार के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आप जिस डॉक्टर या सर्जन के पास जा रहे हैं वह कितना अनुभवी है और उसने कुल कितनी सर्जरियां की है।

एक अच्छे डॉक्टर से निदान कराने पर वह आपको उचित उपचार की सलाह देगा। यदि आपको सर्जरी की जरूरत नहीं है तो वह सर्जरी की सलाह नहीं देगा। बल्कि उपचार के लिए दवाइयों, क्रीम और इंजेक्शन की सलाह देगा।

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पढ़ें- बवासीर की लेजर सर्जरी कैसे होती है?

ठीक उल्टा सर्जरी की जरूरत पड़ने पर आपकी स्थिति के अनुसार सबसे सुरक्षित सर्जरी की सलाह देगा।

बवासीर की सर्जरी करने के लिए निम्न विधियाँ है, डॉक्टर अवस्था के अनुसार सही विधि का चयन करते हैं-

  • ओपन सर्जरी
  • स्टेपलर सर्जरी
  • लेजर सर्जरी

आमतौर पर डॉक्टर इलाज के लिए लेजर सर्जरी का चयन करने को कहते हैं। क्योंकि, यह एक मिनिमल इनवेसिव प्रक्रिया है और इस विधि के जरिए इलाज करवाने पर रोगी को कोई पीड़ा नहीं होती है। इलाज के बाद उसी दिन रोगी ओने घर जा सकता है। बेड रेस्ट की जरूरत नहीं होती है।

इसके अलावा भी इस सर्जरी के बहुत से लाभ होते हैं। इसलिए आपको लेजर सर्जरी का ही चयन करना चाहिए। अधिक जानने के लिए पढ़े- पाइल्स का लेजर ऑपरेशन कैसे होता है।

निष्कर्ष –

बवासीर के ग्रेड 1 अथवा शुरुआती बवासीर का इलाज के लिए केला फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, केला से बवासीर का इलाज करने से पहले आपको डॉक्टर से इसके ग्रेड का निदान कराना चाहिए। उचित निदान के लिए अच्छे डॉक्टर का चयन करें। डॉक्टर बवासीर का ग्रेड के अनुसार सही इलाज की सलाह देंगे। बवासीर की सर्जरी करने की कई विधियां हैं। लेजर सर्जरी उनमें से सबसे सुरक्षित एवं एडवांस उपचार विधि है। मरीज को इलाज के लिए इसी उपचार विधि का चयन करना चाहिए।

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