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बवासीर में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं – Piles Diet in Hindi

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उचित मात्रा में फाइबर का सेवन और पर्याप्त पानी पीने से बवासीर के लक्षणों को कम किया जा सकता है। हम जो कुछ भी खाते-पीते हैं इसका सीधा असर हमारे शरीर पर होता है। बवासीर के दौरान कब्ज बनाने वाले आहारों का सेवन करेंगे तो बवासीर का ग्रेड बढ़ता जाएगा।

बवासीर में कब्ज हो जाने पर मल त्याग के लिए रोगी को पेट में दबाव बनाना पड़ता है। इससे बवासीर की नसें अधिक सूज जाती हैं, फैल जाती हैं और खूनी दिखने लगती हैं। यह स्थिति बहुत दर्दनाक रहती है। इस स्थिति से बचने के लिए आपको अपने आहार में बदलाव करने की जरूरत है। बवासीर में क्या खाना चाहिए और और क्या नहीं, इसकी जानकारी आपको होनी चाहिए।

बवासीर में क्या खाना चाहिए?

पाइल्स में केवल फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। फाइबर दो प्रकार के होते हैं, दोनों का सेवन ही पाचन को बेहतर बनाता है।

  1. सॉल्युबल फाइबर- घुलनशील फाइबर पानी मे घुल जाते हैं। घुलने के बाद यह एक प्रकार के जेल का निर्माण करता है जो पाचन क्रिया में मदद करता है।
  1. इन सॉल्युबल फाइबर- यह पौधों के सेल्यूलोज का बना होता है और घुलता नही है। यह स्टूल की तरफ पानी को खींचता है जिससे स्टूल मुलायम बनता है। यह आंतों की कार्य क्षमता बढ़ाता है।

बवासीर के रोगियों को दिन में 25 से 30 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए। सॉल्युबल और इन सॉल्युबल दोनों प्रकार के फाइबर युक्त आहार को डाइट में शामिल करें। यह बवासीर की नाजुकता को कम करेगा।

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पढ़ें – बवासीर का लेजर ऑपरेशन कैसे होता है?

फल

बवासीर में फलों का सेवन करना बहुत लाभदायक होता है। केला, संतरा और सेब का सेवन करने से शरीर को फाइबर की उचित मात्रा मिलती है।

कुछ लोग फल तो खा लेते हैं लेकिन उसका छिलका फेंक देते हैं। कुछ फल, जैसे सेब के छिलके में बहुत अधिक फाइबर रहता है। इसलिए इसे छिलका सहित खाएं।

अगर ताजे हरे फल उपलब्ध नहीं हैं तो सूखे फलों का चयन कर सकते हैं। सूखे फलों में भी फाइबर पाया जाता है।

साबुत अनाज

बवासीर रोगियों को साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए। वाइट राइस या पास्ता की जगह ब्राउन राइस, गेहूं और बाजरे जैसे साबुत अनाज को शामिल करें। इसके सेवन से दिन भर के फाइबर की अच्छी खुराक मिल जाती है।

सफेद ब्रेड की जगह मल्टी-ग्रेन ब्रेड का सेवन करें। यह पाचन के लिए अच्छा होगा।

सब्जियां

ताज़ी हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, पत्ता-गोभी खीर आदि का सेवन करें। इन सब्जियों में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। साथ ही इन सब्जियों में उचित मात्रा में पानी भी मौजूद होता है जो मल में नमी बरकरार रखता है।

शिमला मिर्च और जीरा का सेवन भी करना चाहिए।

फलियां, बीज और दाल

दाल और फलियां उचित मात्रा में फाइबर को समेटे हुए हैं। बवासीर रोगियों को उनकी दैनिक जरूरत का सॉल्युबल और इन सॉल्युबल फाइबर इन आहारों से मिल सकता है। 100 ग्राम राजमा चावल में लगभग 25 ग्राम फाइबर पाया जाता है।

इस तरह से अगर आप अपने आहार में तुअर की दाल, राजमा, बादाम, अन्य नट्स, मूंगफली, मटर, छोले आदि को शामिल करते हैं तो कब्ज की स्थिति नहीं बनेगी।

पढ़ें- केला से बवासीर का इलाज

दही

दही में मौजूद विटामिन सी बवासीर के रोगियों को अमृत समान फायदे पहुंचाता है। इसके सेवन से खून बहा रहीं उत्तेजित नसें शांत हो जाती है। यह बवासीर से ग्रसित नसों और मांसपेशियों के सूजन को भी कम करता है। दही एक प्रोबायोटिक पदार्थ है जिसका सेवन पाइल्स में अवश्य करना चाहिए।

बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए?

अब तक आपको पता लग गया होगा कि अच्छे पाचन के लिए फाइबर कितना जरूरी है। फाइबर की कमी कब्ज को उजागर करती है और बवासीर के लक्षण बढ़ सकते हैं। नीचे कुछ ऐसे आहार बताए गए हैं जिनका सेवन बवासीर में नहीं करना चाहिए।

प्रोटीन वाले आहार न खाएं

पाइल्स के रोगी को बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रोटीन एक काम्प्लेक्स कंपाउंड है जिसे पचाने में पेट को बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। अगर प्रोटीन पचने में असफल रहा तो मलाशय में दर्द, जलन और कब्ज की समस्या बन जाएगी।

प्लांट प्रोटीन हो या एनिमल प्रोटीन, किसी का भी सेवन न करें।

मसालेदार भोजन से दूरी बनाएं

मसाला युक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं। काली मिर्च और लाल मिर्च का सेवन तो भूलकर भी न करें। इनमें बहुत तीखापन होता है जो पेट में जलन और कब्ज का कारण बन सकता है। हो सके तो सब्जियां केवल उबालकर खाएं, तेल, मसाला न डालें।

डेयरी प्रोडक्ट्स को कहें बाय-बाय

डेयरी उत्पाद जैसे दूध, पनीर, चॉकलेट, आइस क्रीम, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इनमें प्रोटीन बहुत अधिक होता है जो कब्ज बना सकता है।

पढ़ें- बवासीर के ऑपरेशन में कितना खर्चा आता है

निष्कर्ष

बवासीर के रोगियों को अपच और कब्ज से बचना चाहिए। इसके लिए भरपूर मात्रा में फाइबर खाने और तरल पदार्थों का सेवन करने के लिए कहा जाता है। हालांकि, शरीर में फाइबर के अलावा अन्य नुट्रिशन भी जरूरी है। इसलिए आपको एक संतुलित आहार सारणी की जरूरत है।

इसके लिए आप बवासीर के डॉक्टर से अपनी डाइट चार्ट बनवा सकते हैं। वह आपके शरीर की जरूरत के हिसाब से जरूरी पोषक तत्वों को डाइट चार्ट में शामिल करेंगे।

लंबे समय से बवासीर से परेशान हैं तो आप हमें कॉल कर सकते हैं। हमारे स्वास्थ्य सलाहकार आपके ग्रेड को देखते हुए उचित सलाह प्रदान करेंगे। अगर बार-बार पाइल्स की समस्या होती है या बहुत दिनों से लगातार स्थिति दयनीय बनी हुई है तो आप इसकी लेजर सर्जरी करा सकते हैं।

यह बवासीर को खत्म करने की एक आसान सर्जरी है जिसमें चीरा नहीं लगाया जाता है। रोगी को बिल्कुल दर्द नहीं होता और लगभग आधा घंटा में सर्जरी संपन्न हो जाती है। ट्रेडिशनल सर्जरी के मुकाबले यह अधिक प्रभावी और कम खर्च युक्त है।

हमें मुफ्त में एक फ़ोन कॉल करें और उचित सलाह एवं इलाज प्राप्त करें।

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